Tuesday, April 18, 2023

Happy Jamat – Ul – Vida | जमात – उल – विदा मुबारक हो ! jamat ul vida holiday

 जमात - उल – विदा

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जमात-उल-विदा, ईस्लामी कैलेंडर के महीने रमज़ान के अंतिम जुमे को मनाया जाता है। यह दिन मुसलमानों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है और इसे भारत में भी विशेष रूप से मनाया जाता है।

जमात-उल-विदा का मतलब होता है "विदा होने वाले जमा'त" यानी रमज़ान का आख़िरी जुमा जो होता है। यह दिन उन सभी लोगों के लिए एक अहम दिन होता है, जो रमज़ान में रोजे रखते हैं।

इस दिन लोग नमाज़ पढ़ते हैं और अल्लाह से दुआ मांगते हैं। वे अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलते हैं और एक दूसरे को ईद की बधाई देते हैं। इस दिन लोग चाहते हैं कि वे अपने दोस्तों और परिवार के साथ बहुत समय बिता सकें।



जमात उल विदा का इतिहास  


जमात-उल-विदा ईस्लामी कैलेंडर के महीने रमज़ान के अंतिम जुमे को मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण दिन है। इस दिन का महत्व इसलिए है क्योंकि यह रमज़ान के अंतिम दिन होता है और यह मुसलमानों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। यह दिन एक बड़ा इतिहास भी रखता है।

जमात-उल-विदा का इतिहास मुसलमान धर्म के संस्थापक पैगंबर मोहम्मद साहब की दोस्ती के संबंध में है। उन्होंने एक दिन अपने दोस्त बिलाल को कहा कि जो शख्स रमज़ान के अंतिम जुमे की नमाज़ में भाग लेता है, उसे जन्नत के दरवाज़े खुलने का सुनहरा मौका मिलता है। यह वाक़िया इस दिन के महत्व को और बढ़ाता है।

जमात-उल-विदा का मतलब होता है "विदा होने वाले जमा'त" यानी रमज़ान का आख़िरी जुमा जो होता है। इस दिन मुसलमान लोग नमाज़ पढ़ते हैं और अल्लाह से दुआ मांगते हैं। यह दिन लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इस दिन के बाद ईद !


जमात - उल – विदा का त्यौहार


जमात-उल-विदा ईस्लामी त्यौहार नहीं है, बल्कि यह मुस्लिम समुदाय का एक महत्वपूर्ण दिन है जो ईस्लामी कैलेंडर के महीने रमज़ान के अंतिम जुमे को मनाया जाता है। इस दिन मुसलमान लोग नमाज़ पढ़ते हैं, कुछ इमाम लोगों को संबोधित करते हैं और अल्लाह से दुआ मांगते हैं।

यह दिन मुसलमानों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि रमज़ान के अंतिम दिन और इस दिन के बाद ईद उल फितर का त्योहार मनाया जाता है। इसलिए यह दिन मुस्लिम समुदाय के लिए बहुत उत्साह और खुशी का दिन होता है।

यह दिन अल्लाह के सामने सभी लोगों को उनके अपने पापों से माफ़ करने के लिए एक अच्छा मौका होता है और दूसरों की मदद करने और दान देने के लिए उन्हें प्रेरित करता है।

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What is Jumat-ul-Vida.Why Jamaat-ul-Vida is celebrated. Jumat-ul-Vida: जमात-उल-विदा क्यों मनाया जाता

 Jumat-ul-Vida is an important day in the Islamic calendar, which is observed on the last Friday of the holy month of Ramadan. In Hindi, Jumat-ul-Vida is called जुम्मा-तुल-विदा.


जमात-उल-विदा क्यों मनाया जाता ?


जमात-उल-विदा, ईस्लामी कैलेंडर में रमज़ान के महीने के आखिरी शुक्रवार को मनाया जाता है। यह दिन मुसलमानों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है।

इस दिन को जुम्मा के रोज़े के बाद मनाया जाता है, जब लोगों के पास दूसरे दिनों की तुलना में ज्यादा समय होता है। इस दिन मुसलमान समुदाय के लोगों के बीच खास नमाज़ होती है जो मस्जिद में पढ़ी जाती है। इस दिन को "विदा" कहा जाता है, क्योंकि इस दिन को रमज़ान का विदा होता है और लोग चाहते हैं कि इसे बहुत ख़ास ढंग से मनाया जाए।

जमात-उल-विदा के दिन लोग अलग-अलग तरीकों से मनाते हैं। वे मस्जिद जाकर नमाज़ पढ़ते हैं और अल्लाह से दुआ मांगते हैं। कुछ लोग दूसरे मुसलमानों के साथ खाने की भी परंपरा रखते हैं।

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